पंजाब भर के सफाई कर्मचारी मांगों को लेकर सड़कों पर, अमृतसर पीछे क्यों?

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पंजाब के नेता कहलाने वाले नहीं कर सके अमृतसर की प्रतिनिधिता
पंजाब में 1 महीने से हड़ताल, गुरु नगरी में 1 दिन ही नहीं आखिर क्यों?
मेयर के तीखे तेवर ने जुबान पर लगाए ताले
अमृतसर 11 जून (पवित्र जोत) : सफाई और सीवरेज कर्मचारी यूनियन ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लगभग पूरे पंजाब में संघर्ष किया हुआ है । अमृतसर के सफाई और सीवरेज कर्मचारी दूसरे जिलों के संघर्ष कर रहे साथियों से टूटते हुए दिखाई दे रहे। क्योंकि पंजाब के बटाला राजपुरा सरदूलगढ़ संगरूर सहित अन्य जिलों में पंजाब सरकार को मांगे मानने के लिए मजबूर करने संबंधी पिछले करीब 4 सप्ताह से अलग अलग तरीके के साथ प्रदर्शन किए जा रहे हैं । सफाई और सीवरेज कर्मचारियों के प्रदर्शनों के दौरान पंजाब के अलग-अलग जिलों में बंद सीवरेज के साथ लोग परेशान हो रहे हैं जिससे सरकार के मंत्रियों और विधायकों का ध्यान संघर्ष कर रहे कर्मचारियों की तरफ ही है।
लेकिन गुरु नगरी अमृतसर के सफाई और सीवरेज कर्मचारियों द्वारा पंजाब सत्तर की यूनियनों का साथ ना देने के कारण हड़ताल ना करना कई तरह के सवाल खड़े करता है। अगर अमृतसर की यूनियनों के कर्मचारी पंजाब की बाकी यूनियनों का साथ नहीं देगी तो आने वाले समय में अमृतसर के सफाई कर्मचारियों को पंजाब सत्तर के सफाई यूनियनों के नेताओं की जरूरत पड़ी तो हो सकता है कि वह भी गुरु नगरी के कर्मचारियों का साथ ना दें। क्योंकि पंजाब की यूनियनों द्वारा मांगों का लाभ पंजाब के अलग-अलग जिलों के कर्मचारियों और अमृतसर के कर्मचारियों को भी होगा संघर्ष कर रहे कर्मचारियों की मांगों में साल 2004 की पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करना, खाली पड़े पर्दों की नई भर्ती करना, पुराने कर्मचारियों की तरक्की देना, पे कमिशन रिपोर्ट लागू करना, ग्रेजुएटी 10 से 20 लाख करना आदि है । इन मांगों को पूरा करने के लिए जिला सरदूलगढ़ से आत्माराम सागर कुमार हरिपाल पप्पी धमाका हरजिंदर सिंह रवि कुमार पप्पू जिला राजपुरा से प्रधान जसवीर तरसेम लाल राजेंद्र कुमार सुशील कुमार कमल कुमार संजीव कुमार जिला संगरूर से प्रधान साजन कांगड़ा सहित पंजाब भर से अलग-अलग जिलों की यूनियनों के अलग-अलग प्रधान और अन्य मेंबर एक्टिव दिखाई दे रहे हैं।
सफाई और सीवरेज कर्मचारियों की मांगों को अगर सरकार पूरा करती है तो उसका फायदा सारे पंजाब के कर्मचारियों को ही मिलेगा । फिर भी अमृतसर के कर्मचारी बाकी जिलों के साथियों से पीछे रहकर हड़ताल से दूर रह रहे हैं । शायद गुरु नगरी के तेज तेवर वाले नेता के कारण अमृतसर में हड़ताल का बिगुल नहीं बताया गया है क्योंकि हो सकता है कि अमृतसर के मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू नगर निगम कमिश्नर और सरकार के खौफ के कारण कर्मचारियों को शांत रहने के लिए मजबूर कर दिया हो। अमृतसर के यूनियन नेता जो अपने आपको पंजाब सर के नेता समझते हैं यह आकू अमृतसर के कर्मचारियों की प्रतिनिधिता करने में असफल साबित हुए हैं। इस संबंधी सफाई मजदूर यूनियन के सीनियर नेता विनोद पिता से बातचीत करनी चाहिए पर उनका फोन बंद था। उधर दूसरी तरफ पंजाब स्तर के यूनियन के अमृतसर रहने वाले नेता सुरिंदर टोना ने कहा कि वह पंजाब के सफाई कर्मचारियों के साथ हैं और कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने में साथ दे रहे हैं 16 जून को जालंधर में होने वाली कॉन्फ्रेंस में बढ़-चढ़कर कर्मचारी हिस्सा लेंगे।

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