नई शिक्षा नीति 2020 न्यू इंडिया की दिशा में एक अहम कदम है: डॉ. सुभाष शर्मा

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चंडीगढ़, 30 जुलाई: भारतीय जनता पार्टी, पंजाब प्रदेश के महासचिव और पीयू सीनेटर डॉ. सुभाष शर्मा ने मोदी सरकार की भारत केंद्रित नई शिक्षा नीति 2020 का स्वागत करते हुए समर्थन किया है। उन्होंने मोदी सरकार 2.0 द्वारा न केवल अपने घोषणापत्र के वादे को पूरा करने, बल्कि एक अच्छी शिक्षा प्रणाली के लिए 21 वीं सदी की आकांक्षाओं के साथ गठबंधन करने के लिए भी केंद्र सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि ने कहाकि नई नीति व शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए लंबे समय से लंबित मांग को 34 वर्षों के बाद केंद्र सरकार ने पूरा किया है।
डॉ. सुभाष शर्मा ने आशा व्यक्त की कि इस नई शिक्षा नीति न केवल समग्र और बहु-विषयक शिक्षा बल्कि समानता और समावेशिता को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में पाँचवी क्लास तक मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का माध्यम रखने की बात कही गई है और इसे क्लास आठ या उससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषाओं की पढ़ाई सेकेंडरी लेवल से होगी और किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाएगा। उन्होंने कहाकि वंचित क्षेत्रों के लिए विशेष शिक्षा क्षेत्र, एच.ई.आई. द्वारा विनियमित फीस और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मंच प्रस्तावित किया गया है I डॉ. शर्मा ने शिक्षा क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद का 6 फीसदी शिक्षा खर्च में आवंटित करने के फैसले की भी सराहना की।
डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को बड़े बहु अनुशासनिक कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और समूहों को ज्ञान केंद्रों में बदलना, जिनमें प्रत्येक का लक्ष्य 3000 से अधिक छात्रों को रखना होगा। डॉ. शर्मा ने कहा कि नई प्रणाली में प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा और तीन साल की आंगनवाड़ी होगी I उन्होंने कहा कि स्कूल पाठ्यक्रम के 10+2 ढांचे की जगह 5+3+3+4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए होगा। नई शिक्षा निति में अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान दिया गया है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद मिडिल स्कूल यानि 6-8 कक्षा में सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा। सभी छात्र केवल तीसरी, पाँचवी और आठवी कक्षा में परीक्षा देंगे। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पहले की तरह जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इससे वे ‘न्यू इंडिया’ की ओर अग्रसर हो सकेंगे।
डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कोरोना महामारी और वैश्विक महामारी में वृद्धि होने के परिणाम स्वरूप ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सिफारिशों के एक व्यापक सेट को कवर किया गया है, जिससे जब कभी और जहां भी पारंपरिक और व्यक्तिगत शिक्षा प्राप्त करने का साधन उपलब्ध होना संभव नहीं हैं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वैकल्पिक साधनों की तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए, स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों को ई-शिक्षा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एमएचआरडी में डिजिटल अवसंरचना, डिजिटल कंटेंट और क्षमता निर्माण के उद्देश्य से एक समर्पित इकाई बनाई जाएगी।
डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि उनका मानना है कि नई शिक्षा नीति एक “आत्मनिर्भर भारत” के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के विजन के अनुरूप है और यह छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉक चेन आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों को कवर करने के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगी।


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